श्रीरामचरितमानस से ...
बालकांड
प्रसंग : श्री नाम की महिमा-
राम
नाम श्री नृसिंह भगवान है,
कलियुग
हिरण्यकशिपु है और
जप करने वाले जन प्रह्लाद के समान हैं
तुलसीदासजी कहते हैं-
कलियुग
में राम का नाम कल्पतरु (मन चाहा पदार्थ देने वाला) और कल्याण का निवास (मुक्ति
का घर) है, जिसको
स्मरण करने से भाँग सा (निकृष्ट) तुलसीदास तुलसी के समान (पवित्र) हो गया।
केवल
कलियुग की ही बात नहीं है,
चारों युगों में, तीनों काल में और तीनों
लोकों में नाम को जपकर जीव शोकरहित हुए हैं। वेद, पुराण और
संतों का मत यही है कि समस्त पुण्यों का फल श्री रामजी में (या राम नाम में)
प्रेम होना है ।
पहले
(सत्य) युग में ध्यान से,
दूसरे (त्रेता) युग में यज्ञ से और द्वापर में पूजन से भगवान
प्रसन्न होते हैं, परन्तु कलियुग केवल पाप की जड़ और मलिन
है, इसमें मनुष्यों का मन पाप रूपी समुद्र में मछली बना
हुआ है अर्थात पाप से कभी अलग होना ही नहीं चाहता, इससे
ध्यान, यज्ञ और पूजन नहीं बन सकते ।
ऐसे
कराल (कलियुग के) काल में तो नाम ही कल्पवृक्ष है, जो स्मरण करते ही संसार के सब जंजालों को
नाश कर देने वाला है। कलियुग में यह राम नाम मनोवांछित फल देने वाला है, परलोक का परम हितैषी और इस लोक का माता-पिता है (अर्थात परलोक में भगवान
का परमधाम देता है और इस लोक में माता-पिता के समान सब प्रकार से पालन और रक्षण
करता है।) ।
कलियुग
में न कर्म है, न भक्ति
है और न ज्ञान ही है, राम नाम ही एक आधार है। कपट की खान
कलियुग रूपी कालनेमि के (मारने के) लिए राम नाम ही बुद्धिमान और समर्थ श्री
हनुमान्जी हैं ।
राम
नाम श्री नृसिंह भगवान है,
कलियुग हिरण्यकशिपु है और जप करने वाले जन प्रह्लाद के समान हैं,
यह राम नाम देवताओं के शत्रु (कलियुग रूपी दैत्य) को मारकर जप
करने वालों की रक्षा करेगा ।
दोहा :
* नामु
राम को कलपतरु कलि कल्यान निवासु।
जो सुमिरत भयो भाँग तें तुलसी तुलसीदासु॥26॥
चौपाई :
* चहुँ
जुग तीनि काल तिहुँ लोका। भए नाम जपि जीव बिसोका॥
बेद पुरान संत मत एहू। सकल सुकृत फल राम सनेहू॥1॥
* ध्यानु
प्रथम जुग मख बिधि दूजें। द्वापर परितोषत प्रभु पूजें॥
कलि केवल मल मूल मलीना। पाप पयोनिधि जन मन मीना॥2॥
* नाम
कामतरु काल कराला। सुमिरत समन सकल जग जाला॥
राम नाम कलि अभिमत दाता। हित परलोक लोक पितु माता॥3॥
* नहिं
कलि करम न भगति बिबेकू। राम नाम अवलंबन एकू॥
कालनेमि कलि कपट निधानू। नाम सुमति समरथ हनुमानू॥4॥
दोहा :
* राम नाम
नरकेसरी कनककसिपु कलिकाल।
जापक जन प्रहलाद जिमि पालिहि दलि सुरसाल॥27॥
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गुरुवार, 15 अक्टूबर 2015
26-27 : .बालकांड.: नाम श्री नृसिंह भगवान है.
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