श्रीरामचरितमानस से ...बालकांड
प्रसंग : पुष्प –वाटिका में सीता और राम
बाग और सरोवर को देखकर प्रभु श्री
रामचन्द्रजी भाई लक्ष्मण सहित हर्षित हुए। यह बाग परम रमणीय है, जो जगत को सुख देने
वाले श्री रामचन्द्रजी को सुख दे रहा है ।
चारों ओर दृष्टि डालकर और मालियों से
पूछकर वे प्रसन्न मन से पत्र-पुष्प लेने लगे। उसी समय सीताजी वहाँ आईं। माता ने
उन्हें गिरिजाजी (पार्वती) की पूजा करने के लिए भेजा था ।
साथ में सब सुंदरी और सयानी सखियाँ हैं, जो मनोहर वाणी से गीत
गा रही हैं। सरोवर के पास गिरिजाजी का मंदिर सुशोभित है, जिसका वर्णन नहीं
किया जा सकता, देखकर
मन मोहित हो जाता है ।
:सखियों
सहित सरोवर में स्नान करके सीताजी प्रसन्न मन से गिरिजाजी के मंदिर में गईं।
उन्होंने बड़े प्रेम से पूजा की और अपने योग्य सुंदर वर माँगा ।
एक सखी सीताजी का साथ छोड़कर फुलवाड़ी
देखने चली गई थी। उसने जाकर दोनों भाइयों को देखा और प्रेम में विह्वल होकर वह
सीताजी के पास आई ।